lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained
lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained
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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
इनमें से सोमवार को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो click here नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठ जाएं।
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥